कपिल देव का जीवन परिचय | Kapil Dev Biography In Hindi

कपिल देव का जीवन परिचय | Kapil Dev Biography In Hindi

कपिल देव का जीवन परिचय

कपिल देव क्रिकेट की दुनिया का ऐसा नाम है जी ने हर व्यक्ति जानता है, कपिल देव ने अपनी क्रिकेट की हुनर की वजह से लोगों को अपना कायल बना है जिसके कारण आज कपिल देव को उन क्रिकेटरों की सूची में शामिल किया जाता है जिनको स्वर सम्मानित माना जाता है . तो आज हम किसी क्रिकेटर यानी कि हरियाणा के तूफान कहे जाने वाले कपिल देव की जीवनी के बारे में बात करने वाले हैं कपिल देव ने भारत की तरफ से खेलते हुए अपने क्रिकेट करियर में काफी रिकॉर्ड बनाए हैं जिसकी वजह से लोग आज भी उन्हें जानते हैं जबकि उनका रिकॉर्ड तोड़ पाना भी कुछ खिलाड़ियों के लिए काफी आसान नहीं है.आपको बता दें कि कपिल देव ने 1982 में भारत के लिए पहला वर्ल्ड कप लाया था जो उस समय कोई भी व्यक्ति अपने सपने में नहीं सोच सकता था क्योंकि उस समय वेस्टइंडीज पहले ही दो वर्ल्ड कप जीत चुका था उसके बाद में उस वक्त वेस्टइंडीज का काफी दबदबा था लेकिन भारतीय टीम में 1983 के फाइनल में वेस्टइंडीज को हराकर वर्ल्ड कप अपने नाम किया उस समय भारतीय टीम के कप्तान कपिल देव थे वही बात करें कपिल देव की तो कपिल देव उस समय के उन क्रिकेटरों में भी शामिल है जो अपनी फिटनेस को लेकर काफी चर्चित बात करें कपिल देव अपनी फिटनेस के चलते क्रिकेट के मैदान में काफी एक्टिव रहते थे जिसके कारण उनकी फील्डिंग और क्रिकेट के मैदान पर काफी कम 12 रन आउट होते हुए समिति के है

कपिल देव का जीवन परिचय

पूरना कपिल देव निखंज
जन्सम्बंधि 6 जनवरी सन् 1959,चंडीगढ़, भारत
ऊंचा 1.83 मीटर यानी 6 फिट
कुसंपत्त 191.65 करोड़ रुपए (2017)
पितकना रामलाल निखंज
मातकना राजकुमारी
पहलटेस्मै फैसलाबाद में पाकिस्तान बनाम भारत (1978)
पहल(ओडीआमै क्यूटा में पाकिस्तान बनाम भारत (1978)
उच्स्को(ओडीआमै 175 रन नॉट आउट (बल्लेबाजी),गेंदबाजी- 234 विकेट
उच्स्को(टेस्मै 163 रन (बल्लेबाजी),434 विकेट (गेंदबाजी)

कपिल देव का जन्म एवं शिक्षा (Kapil Dev birth and education)

कपिल देव की जन्म की तो कपिल देव का जन्म 6 फरवरी 1959 में हुआ था कपिल देव का जन्म पंजाब के प्रसिद्ध शहर चंडीगढ़ में हुआ था. इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा डी. ए. वी. स्कूल से प्रारम्भ की और स्नातक की पढ़ाई के लिए सेंट एडवर्ड कॉलेज में गए. खेल में रूचि एवं प्रतिभा को देखकर इनको देश प्रेम आजाद के पास क्रिकेट सीखने के लिए भेजा गया.&nbsp

कपिल देव का परिवार (Kapil Dev family)

जब भारत और पाकिस्तान का विभाजन हुआ, उस समय इनका परिवार पाकिस्तान से भारत में आकर रहने लगा था. यहीं पर इनके पिता रामलाल निखंज ने लकड़ी उद्योग किया. इनकी माता राजकुमारी एक ग्रहणी थीं. ये कुल सात भाई-बहन थे जिनमें से 4 बहनें, 3भाई थे, जबकि ये 6 स्थान पर थे. कुछ समय बाद इनके माता-पिता ने पंजाब में रहना उचित समझा. इनका विवाह सन् 1980 में रोमी भाटिया से हुआ था. इसके 17 साल बाद इनके यहां एक लड़की का जन्म हुआ, जिसका नाम अमिया देव रखा गया था.&nbsp

कपिल देव का क्रिकेट करियर (Kapil Dev Cricket Career details)

  • कपिल का करियरकी शुरुआत 1975 में हुई थी. जब इन्होंने हरियाणा टीम के लिए पंजाब टीम के साथ मैच खेला था, जिसमें कपिल ने 6 विकेट के साथ हरियाणा टीम को शानदार जीत दिलाकर, पंजाब टीम को 63 run पर ही ढेर कर दिया था
  • सन् 1976 -77 में जम्मू कश्मीर के साथ खेले गए मैच में इन्होंने 08 विकेट लिए तथा 36 रन बनाये और उन्होंने उसी वर्ष बंगाल के साथ 07 विकेट तथा 20 रन बनाये थे. इन दोनों मैचों में इनकी टैलेंट सबको दिखाई देने लगी
  • इन्होंने सन् 1978 में टेस्ट खेलना प्रारम्भ कर दिया था. इन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच पाकिस्तान के साथ खेला था. इस मैच में देव ने13 रन बनाए थे, 1 विकेट भी लिया था
  • कपिल ने बेहतरीन बल्लेबाजी से सन् 1979 -1980 में उन्होंने दिल्ली के खिलाफ 193 रन की पारी खेलकर हरियाणा को जीत दिलायी. ये उनके करियर का पहला शतक था. जिसके बाद कपिल देव सिर्फ गेंदबाजी से ही नहीं बल्कि बल्लेबाजी से भी भारत को जीत दिला सकते हैं. इनकी दोनों प्रतिभाओं की बदौलत इनको अभी तक का बेहतरीन आलराउंडर माना जाता है
  • 17 oct सन् 1979 में वेस्टइंडीज के अगेन उन्होंने 124 में 126 रन बनाये थे. इसको इनकी एक यादगार पारी के रूप में गिना जाता है.&nbsp

कप्तानी (Kapil Dev Captaincy period

सन 1982 1986 में कपिल देव को भारत श्रीलंका दौरे के लिए कप्तानी सौंपी गई लेकिन आधिकारिक तौर पर कपिल देव को कप्तानी वेस्टइंडीज दौरे के लिए भी कप्तानी सौंपी गई उस समय वेस्टइंडीज की टीम का काफी बोलबाला था क्योंकि वह पहले दो वर्ल्ड कप अपने नाम कर चुकी थी जिसके कारण भारतीय टीम या और भी कोई भी टीम का वेस्टइंडीज की टीम को हरा पाना काफी मुश्किल था लेकिन उस समय भारत के दौरे पर आए वेस्टइंडीज की टीम को भारतीय टीम ने सुनील गावस्कर की शानदार पारी की बदौलत हरा दिया उस मैच में सुनील गावस्कर ने 90 रन बनाए थे इस जीत के साथ भारतीय टीम जो अगले साल वर्ल्ड कप खेलने वाली थी उसका मनोबल काफी बढ़ गया जिसके बाद कपिल देव को आगे की कप्तानी भी दे दी थ

1983 का वर्ल्ड कप (1983 World cup

इसके बाद 1983 का समय आ जाओ वर्ल्ड कप खेला जाना था हालांकि भारत के जो पिछला वर्ल्ड कप का प्रदर्शन था उसे देखकर यह उम्मीदें लगाई जा रही थी कि भारतीय टीम इस बार भी वर्ल्ड कप नहीं जीतने वाली है. जब कपिल देव ने वर्ल्ड कप में खेलना शुरू किया था तब इनका औसत: 24.94 सामान्य बॉलर की तरह ही था.यह वर्ल्ड कप भारत के लिए लगभग सही जा रहा था लेकिन सेमीफाइनल में भारत का मुकाबला ज़िंबाब्वे के साथ था जहां पर भारतीय टीम हार की तरफ बढ़ रही थी लेकिन उस वक्त कपिल देव बैटिंग करने के लिए आते हैं और 136 बॉल में 175 रन बनाते हैं जहां जिंबाब्वे की बोलिंग उनके सामने बिल्कुल परास्त हो जाती है . जिसमें इन्होंने 22 बॉउंड्रीज लगाईं थीं. 16 चौके और 6 छक्कों की मदद से लगाईं थीं. 9 वें विकेट के लिए 126 रन की सबसे बड़ी साझेदारी किरमानी (22 रन) एवं कपिल देव के बीच हुई थी, जिसको 27 सालों तक कोई नहीं तोडा पाया था. इतना ही नहीं इसी मैच में कपिल ने गेंदबाजी करते हुए ज़िम्बाब्बे के 5 विकेट भी लिए थे. और भारतीय टीम यह मुकाबला जीत जाती है और वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंच जाती ह

कपिल को मर्सिडीज कार मिली, यही पारी इनके जीवन की सबसे यादगार एवं महत्वपूर्ण पारी थी. 1983 के विश्व कप के दौरान बीबीसी की हड़ताल की वजह से इस मैच का टेलीकास्ट नहीं हो सका था और इस मैच का लुफ्त क्रिकेट प्रेमी नहीं उठा सके थे

इसी के साथ भारतीय टीम सेमीफाइनल में जिंबाब्वे को हरा कर फाइनल में पहुंच जाता है लेकिन वहां पर पहले से ही वेस्टइंडीज मौजूद था जो काफी दमदार टीम थी और वह पहले दो वर्ल्ड कप अपने नाम कर चुकी थी और उसमें काफी बेहतरीन खिलाड़ी थे वह हर खिलाड़ी मैच विनर खिलाड़ी था जिन्हें हरा पाना भारतीय टीम के लिए उस वक्त काफी मुश्किल थ

फाइनल में जब इंडिया मैदान पर उतरी तो यह दिखा भी। लॉर्ड्स में रॉबर्ट्स, गार्नर, मार्शल और होल्डिंग के तूफान के आगे ताश के पत्तों की तरह बिखरने लगी।टीम 60 ओवर भी नहीं खेल पाई और पहले ही 54.4 ओवर में 183 रन बनाकर ऑल आउट हो गई। भारत का 1 विकेट 2 रन के स्कोर पर गावस्कर के रूप में गिरा था। 2 विकेट के लिए श्रीकांत और अमरनाथ की अर्धशतकीय साझेदारी छोड़ दें तो भारतीय बल्लेबाज कुछ भी प्रदर्शन नहीं कर पा

श्रीकांत ने बनाए थे सबसे ज्यादा रन
श्रीकांत ने सबसे ज्यादा 38 रन बनाए थे। श्रीकांत ने अपनी पारी में 7 चौकों के साथ एक सिक्स भी लगाया था। फाइनल में भारत के 3 बल्लेबाज ही 20 से ज्यादा रन बना पाए थे। श्रीकांत के बाद अमरनाथ ने 26 और पाटील ने 27 रन बनाए थे। भारत ने 60 ओवरों में 184 रन का लक्ष्य दिया था जो वेस्टइंडीज टीम के लिए बेहद आसान थ

भारत से दूर जाने लगा मैच

दूसरे विकेट के लिए डेसमेंड हेंस और विव रिचर्ड्स भारतीय उम्मीदों पर पानी फेरते दिखे। विव आक्रामक मूड में थे और दूसरे विकेट के लिए बड़ी साझेदारी की ओर बढ़ रहे थे। भारतीय खेमा निराश होने लगा था। लॉर्ड्स में मौजूद भारतीय दर्शक भी विव के चौकों के साथ मैच में किसी करिश्मे को लेकर नाउम्मीद होने लगे थे। इसी दौरान मदनलाल ने डेसमेंड हेंस के रूप में भारत बहुत बड़ा ब्रेक थ्रू दिया और खतरनाक होती दूसरी जोड़ी को खत्म कर दिया

इस हमले से संभल नहीं पाया वेस्टइंडीज
लेकिन अब भी आक्रामक विव रिचर्ड्स भारतीय अटैक के लिए काफी थे। विव पूरी तरह से लय में थे और 42 गेंदों में 7 चौकों के साथ 33 रन बनाकर खेल रहे थे। हालांकि हेंस के आउट होते ही मदनलाल ने एकबार फिर करिश्मा दिखाया और 33 रन के निजी स्कोर पर कपिल के हाथों विव को कैच करा दिया। स्टेडियम में मौजूद दिग्गज सन्न रह गए। भारतीय दर्शकों के शोर से लंदन का आसमान गूंज उठा। ये बहुत बड़ा विकेट था। इस विकेट से भारतीय खेमे में उत्साह की लहर दौड़ गई। इसके बाद तो मदनलाल के साथ संधू, अमरनाथ और कपिलदेव ने एक-एक कर वेस्टइंडीज की पूरी टीम को 52 ओवर में 140 रन पर चलता कर दिया

और भारत ने बदल दी क्रिकेट की तस्वीर
होल्डिंग के रूप में अमरनाथ के विकेट के साथ ही भारत विश्वक्रिकेट का नया चैंपियन बन चुका था। स्टेडियम में मौजूद दर्शक तिरंगा लेकर मैदान में उतर गए और अपने सितारों को गले लगा लिया। पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई। 1983 की जीत के बाद भारतीय टीम के खिलाड़ियों को देश ने हीरो की तरह लिया। 24 साल के कपिल देव की कप्तानी में इस जीत ने भारत में क्रिकेट का भविष्य ही बदल कर रख दिया

 

कपिल देव के करियर का बुरा दौ

उसके बाद 1984 में वेस्टइंडीज के साथ टेस्ट मैचों के साथ एकदिवसीय मैंचों की श्रृंखला का आयोजन किया गया. जिसमें भारत की बुरी हार हुई. वहीं ये कपिल देव के करियर का सबसे बुरा वक्त था, जिससे चयनकर्ताओं ने इनको कप्तानी के पद से हटाने का फैसला लिया और फिर से गावस्कर को कप्तान बना दिया गया

इसके बाद कपिल देव 1987 में कप्तान बनाया गया, जिसमें भारत सेमीफाइनल तक पहुंचा था. लेकिन भारत इंग्लैंड से हारकर विश्व कप जीतने में असफल रहा और सबने इसके लिए देव पर ही इल्जाम लगा दिया. एक बार फिर से इनसे कप्तानी छीनकर गावस्कर को दे दी गई, यही इनकी कप्तानी का अंतिम सफर था. जिसके बाद इनको कभी भी कप्तान बनने का मौका नहीं मिला. हालांकि 1989 में उपकप्तान जरूर बनाया गया था.&nbsp

कपिल देव के कोच बनने का सफर (Kapil Dev as a Coach

बीसीसीआई ने इन्हें भारत का कोच नियुक्त किया लेकिन कुछ विवाद के चलते इन्होंने केवल 10 महीने में ही इस्तीफा दे दिया. कहा जाता है कि ऑस्ट्रेलिया से भारत के 2-0 से श्रृंखला हारने के बाद इन पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगाया गया था. जिसके चलते इन्होंने इन सब बेबुनियादी आरोपों से बचने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया.&nbsp

कपिल देव पुरस्कार एवं उपलब्धियां (Kapil Dev awards and achievements

  • सन् 1979-80 के सत्र में क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने की वजह से इन्हें भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला अर्जुन पुरस्कार दिया गया. ये पुरस्कार सरकार उन खिलाड़ी को देती हैं जिन्होंने किसी भी खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया हो
  • उसके 1982 के दौरान भारत ने कपिल देव की प्रतिभा और लगन को देखकर पद्म श्री का पुरस्कार भी इन्हें दिया. इतना ही नहीं इनको एक साल बाद यानी कि सन् 1983 विज्डन क्रिकेटर ऑफ द ईयर का सम्मान दिया गया, जिसका आधार इनकी विश्व-कप में जबरदस्त प्रदर्शन को माना जाता है
  • इन्होंने 1994 में रिचर्ड हेडली का टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट हासिल करने का रिकार्ड तोड़ दिया था. इतना ही नहीं टेस्ट क्रिकेट में 400 विकेट के साथ-साथ टेस्ट क्रिकेट में अपने 4000 रन पूरे करने वाले अभी तक के विश्व के उच्चतम खिलाड़ी हैं
  • सन् 1991 में कपिल देव के योगदान एवं लगन को सम्मानित करने के लिए पद्म भूषण जैसा उच्चतम पुरस्कार दिया गया. इसके बाद सन् 2002 में सदी के विज्डन भारतीय क्रिकेटर के सम्मान को देकर इनका दर्जा क्रिकेट की दुनिया में और बड़ा दिया गया
  • सन् 2010 आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फेम पुरस्कार देकर इनकी प्रतिभा को सम्मानीय दर्जा दिया गया. इसके तीन साल बाद सन् 2013 एनडीटीवी द्वारा भारत में 25 सबसे महान वैश्विक जीवित महापुरूष का खिताब दिया गया
  • भारतीय सेना से जुड़ने के लिए कपिल देव ने सन् 2008 भारतीय क्षेत्रीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल का पद ग्रहण कर लिया. भारतीय सेना का अधिक सम्मान करने की वजह से इन्होंने ऐसा किया था

कपिल देव के जीवन पर आधारित फिल्म (Kapil Dev new movie

भारतीय सिनेमा के मशहूर निर्देशक कबीर खान ने कपिल देव की बायोपिक बनाने का काम शुरू कर दिया है. जब कपिल देव से पूछा गया था कि आपका किरदार किस अभिनेता को दिया जाना चाहिए, तो उन्होंने रणवीर सिंह का नाम लिया था. फैंटम प्रोडक्शन एवं अनुराग बासु के साथ अन्य लोगों ने भी इस फिल्म पर अपना पैसा लगाया है. जिसमें रणवीर सिंह को कपिल देव की भूमिका में अभिनय करते हुए देखा जाएगा

कपिल देव के जीवन के रोचक तथ्य (Kapil Dev unknown facts

  1. कपिल देव ने व्यापार करने के लिए कैप्टन्स एलेवेन नाम से सन् 2006 में दो रेस्टोरेंट खोले जिनमें एक चंडीगढ़ में हैं और दूसरा पटना में मौजूद है, जिनको ये खुद संभालते हैं
  2. कपिल देव एक ऐसे खिलाडी हैं, जिन्होंने दो से अधिक फिल्मों में छोटी-छोटी भूमिकाएं निभाई हैं. जिनके नाम ‘इकबाल’ दूसरी ‘मुझसे शादी करोगी’ एवं ‘ये दिललगी है’. इतना ही नहीं अभी हाल में कपिल देव के ऊपर एक फिल्म बनने की खबरें भी आ रहीं हैं
  3. कपिल देव की रूचि किताबें लिखने में भी बहुत है, इसलिए इन्होंने अभी तक तीन आत्मकथाएं लिखी है, जिनके नाम ‘गोड्स डिक्री’, ‘क्रिकेट माय स्टाइल’ एवं ‘स्ट्रैट फ्रॉम माय हार्ट’ शामिल है
Question 1 :1983 क्रिकेट वर्ल्ड कप के समय भारतीय टीम के कप्तान कौन थे ?

Answers : कपिल देव .

Question 2 :कपिल देव ने वर्ल्ड कप कब जीता था ?

Answers : 1983.

Question 3 :कपिल देव ने पहला टेस्ट मैच किसके खिलाफ खेला था ?

Answers : फैसलाबाद में पाकिस्तान बनाम भारत (1978).

Question 4 :कपिल देव ने एकदिवसीय क्रिकेट में कितने हाईएस्ट स्कोर बनाया है ?

Answers : 175 रन नॉट आउट (बल्लेबाजी),गेंदबाजी- 234 विकेट.

Question 5 :कपिल देव के पिताजी क्या काम करते थे ?

Answers : इनके पिता रामलाल निखंज ने लकड़ी उद्योग किया. .

Question 6 :कपिल देव को उपकप्तान कब बनाया गया ?

Answers : 1989 .

Question 7 :कपिल देव को कोच कब बनाया गया ?

Answers : बीसीसीआई ने इन्हें भारत का कोच नियुक्त किया लेकिन कुछ विवाद के चलते इन्होंने केवल 10 महीने में ही इस्तीफा दे दिया. कहा जाता है कि ऑस्ट्रेलिया से भारत के 2-0 से श्रृंखला हारने के बाद इन पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगाया गया था. जिसके चलते इन्होंने इन सब बेबुनियादी आरोपों से बचने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया. .

Question 8 :कपिल देव ने कौन-कौन कपिल देव को कौन-कौन से पुरस्कार मिल चुके हैं ?

Answers : सन् 1979-80 के सत्र में क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने की वजह से इन्हें भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला अर्जुन पुरस्कार दिया गया. ये पुरस्कार सरकार उन खिलाड़ी को देती हैं जिन्होंने किसी भी खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया हो.उसके 1982 के दौरान भारत ने कपिल देव की प्रतिभा और लगन को देखकर पद्म श्री का पुरस्कार भी इन्हें दिया. इतना ही नहीं इनको एक साल बाद यानी कि सन् 1983 विज्डन क्रिकेटर ऑफ द ईयर का सम्मान दिया गया, जिसका आधार इनकी विश्व-कप में जबरदस्त प्रदर्शन को माना जाता है.इन्होंने 1994 में रिचर्ड हेडली का टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट हासिल करने का रिकार्ड तोड़ दिया था. इतना ही नहीं टेस्ट क्रिकेट में 400 विकेट के साथ-साथ टेस्ट क्रिकेट में अपने 4000 रन पूरे करने वाले अभी तक के विश्व के उच्चतम खिलाड़ी हैं.सन् 1991 में कपिल देव के योगदान एवं लगन को सम्मानित करने के लिए पद्म भूषण जैसा उच्चतम पुरस्कार दिया गया. इसके बाद सन् 2002 में सदी के विज्डन भारतीय क्रिकेटर के सम्मान को देकर इनका दर्जा क्रिकेट की दुनिया में और बड़ा दिया गया.सन् 2010 आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फेम पुरस्कार देकर इनकी प्रतिभा को सम्मानीय दर्जा दिया गया. इसके तीन साल बाद सन् 2013 एनडीटीवी द्वारा भारत में 25 सबसे महान वैश्विक जीवित महापुरूष का खिताब दिया गया.भारतीय सेना से जुड़ने के लिए कपिल देव ने सन् 2008 भारतीय क्षेत्रीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल का पद ग्रहण कर लिया. भारतीय सेना का अधिक सम्मान करने की वजह से इन्होंने ऐसा किया था..

Question 9 :कपिल देव के जीवन पर आधारित फिल्म का क्या नाम है ?

Answers : भारतीय सिनेमा के मशहूर निर्देशक कबीर खान ने कपिल देव की बायोपिक बनाने का काम शुरू कर दिया है. जब कपिल देव से पूछा गया था कि आपका किरदार किस अभिनेता को दिया जाना चाहिए, तो उन्होंने रणवीर सिंह का नाम लिया था. फैंटम प्रोडक्शन एवं अनुराग बासु के साथ अन्य लोगों ने भी इस फिल्म पर अपना पैसा लगाया है. जिसमें रणवीर सिंह को कपिल देव की भूमिका में अभिनय करते हुए देखा जाएगा..

Question 10 :कपिल देव की किताब का क्या नाम है ?

Answers : कपिल देव की रूचि किताबें लिखने में भी बहुत है, इसलिए इन्होंने अभी तक तीन आत्मकथाएं लिखी है, जिनके नाम ‘गोड्स डिक्री’, ‘क्रिकेट माय स्टाइल’ एवं ‘स्ट्रैट फ्रॉम माय हार्ट’ शामिल हैं.

Question 11 :कपिल देव की पत्नी का क्या नाम है ?

Answers : Romi Bhatia .

Question 12 :कपिल देव की लंबाई कितनी है ?

Answers : 1.83 मीटर यानी 6 फिट _.